Monday, March 21, 2011

श्रीमती अरुणा भटनागर सरस्वती पुरस्कार – २०११ से सम्मानित

हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने अपना सर्वप्रथम सरस्वती पुरस्कार श्रीमती अरुणा भटनागर को दिया
हिन्दी साहित्य की मानक संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने १३ फरवरी, २०११ को हिन्दु सभा ब्रैम्पटन के सहयोग से हुए महा कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध हिन्दी कर्मी श्रीमती अरुणा भटनागर को हिन्दी साहित्य के निस्वार्थ प्रचार प्रसार के लिए सरस्वती पुरस्कार से सम्मानित किया है।
हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने इसी वर्ष सरस्वती पुरस्कार की घोषणा की है। हिन्दी राइटर्स गिल्ड के प्रवक्ता, सुमन कुमार घई ने बताया, "यह पुरस्कार हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं में लेखन और हिन्दी कर्मियों को दिया जाएगा। अपनी तरह का यह कैनेडा का पहला पुरस्कार है। अपना सर्वप्रथम पुरस्कार श्रीमती अरुणा भटनागर जी को प्रदान करते हुए हमें बहुत हर्ष हो रहा है क्योंकि अरुणा जी बरसों से विभिन्न देशों में हिन्दी भाषा की शिक्षा, प्रचार एवं प्रसार से जुड़ी रही हैं।"
श्रीमती अरुणा भटनागर कैनेडा में आने से पहले इंग्लैंड में भी हिन्दी की सेवा करती रहीं। वह हिन्दी साहित्य सभा की संस्थापक सदस्य हैं। हिन्दी साहित्य सभा की पहली अध्यक्षा श्रीमती अरुणा भटनागर किसी न किसी रूप में अभी तक संस्था की कार्यकारिण की सदस्या रही हैं। पैनोरामा इंडिया के मंडल की रह चुकी सदस्या श्रीमती अरुणा भटनागर एविक के कार्यक्रमों में भी व्यस्त रही हैं। स्वयं सेविका अरुणा भटनागर न केवल स्वयं हिन्दी के लिए अर्पित हैं, बल्कि वह अन्यों को भी इस क्षेत्र में योगदान देने के लिए सदैव प्रोत्साहित करती रहती हैं। जीटीए की कई संस्थाएँ उनकी सेवाओं पर निर्भर करती हैं।
हिन्दी राइटर्स गिल्ड द्वारा इस वर्ष सरस्वती पुरस्कार – २०११ के चयन में श्रीमती अरुणा भटनागर जी के अथक परिश्रम को मान्यता दी गई है।
बुरा स्वास्थ्य होने के कारण वह कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाईं परन्तु उनकी ओर से उनकी भाभी श्रीमती इंदिरा वर्मा ने सम्मान स्वीकार किया।
हिन्दी राइटर्स गिल्ड का उद्देश्य कैनेडा में हिन्दी साहित्य के प्रति लोगों में रुचि जगाना, लेखकों को कैनेडा की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए लेखन के लिए प्रोत्साहित करना, कैनेडा में हिन्दी पुस्तकों के प्रकाशन को स्थापित करना इत्यादि हैं। लगभग दो वर्ष पहले बनी इस संस्था ने अभी तक कई महत्वपूर्ण लक्ष्यों को पूरा किया है, जिसमें से एक ब्रैम्पटन लाइब्रेरी के साथ साझेदारी भी है और चिंग्कूज़ी ब्रांच में हर महीने के दूसरे रविवार को दोपहर के २ बजे से शाम के ५ बजे तक गोष्ठी भी होती है जिसमें सभी का स्वागत है।

वसंत पंचमी पर हिन्दी राइटर्स गिल्ड का महा कवि सम्मेलन

हिन्दु सभा मंदिर, ब्रैम्पटन के सभागार में मंदिर के सहयोग से हुआ कवि सम्मेलन

ब्रैम्पटन, फरवरी १३, २०११ – आज दोपहर तीन बजे हिन्दु सभा मंदिर, ब्रैम्पटन के सभागार में हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने के महा कवि सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें बृहत टोरोंटो क्षेत्र के कवियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
वसंत पंचमी को मनाने के लिए आयोजित किए गए इस महा कवि सम्मेलन कई कारणों से महत्वपूर्ण था। वसंत पंचमी, कला की देवी माँ सरस्वती पूजन का दिवस होता है। इस पावन दिवस पर मंदिर के सभागार में, मंदिर के सहयोग से माँ सरस्वती को काव्य पुष्पों का अर्पण इसका महत्व दर्शाता है।
कवि सम्मेलन सवा तीन बजे मानोशी चटर्जी (टोरोंटो) और इंदिरा वर्मा (ओकविल) ने सरस्वती वंदना से आरम्भ किया। पंडित अभय शास्त्री जी के मंत्रोच्चारण के साथ हिन्दु सभा ब्रैम्पटन के प्रेसिडेंट श्री प्रवीण शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित किया। श्री प्रवीण शर्मा ने हिन्दी राइटर्स गिल्ड और उपस्थित जनों का स्वागत किया और बताया कि मंदिर की ओर से सभी काव्य पाठ करने वालों का शाल की भेंट से अभिनन्दन किया जाएगा। उन्होंने हिन्दी राइटर्स गिल्ड का धन्यवाद करते हुए कहा, "आप वास्तव में इस देश में हिन्दी और भारतीय संस्कृति को जीवित रखने के लिए परिश्रम कर रहे हैं।"
डॉ. शैलजा सक्सेना ने हिन्दी राइटर्स गिल्ड की ओर से मंदिर को कवि सम्मेलन में सहयोग के लिए धन्यवाद करते हुए भविष्य में भी सहयोग की अभिलाषा व्यक्त की। उन्होंने हिन्दी राइटर्स गिल्ड के भविष्य के कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए बताया कि ५ मार्च, २०११ को "होली मिलन उत्सव" का आयोजन हिनदु हेरीटेज़ सेंटर, मिसिसागा में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए उन्होंने आमन्त्रण देते हुए उपस्थित जनों से अनुनय किया कि वह इसका प्रचार प्रसार करें और इस मिलन उत्सव में भाग लेकर आंनद को और बढ़ाएँ। डॉ. शैलजा ने यह भी घोषणा की कि इसी वर्ष हिन्दी राइटर्स गिल्ड अपने सदस्यों की रचनाओं की दो पुस्तकें प्रकाशित करेगी। एक पुस्तक काव्य संकलन होगा और दूसरी पुस्तक में आलेख और कहानियाँ इत्यादि होंगी। उन्होंने मंदिर के मंडल से और उपस्थित लोगों से इन पुस्तकों के प्रकाशन के लिए आवश्यक धनराशि के लिए अपील भी की और जनता को आह्वान दिया कि वह इन पुस्तकों को खरीद कर पढ़ने के लिए तैयार रहें। हिन्दी राइटर्स गिल्ड का एक मुख्य उद्देश्य कैनेडा में पुस्तक प्रकाशन को बढ़ावा देना है और इसलिए पुस्तकों को बेचने का हर संभव प्रयत्न किया जाता है। इस अवसर पर भी एक पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन था और पुस्तकें बेची गईं।
डॉ. शैलजा सक्सेना ने अपनी सहसंचालिका श्रीमती भुवनेश्वरी पांडे को आमंत्रित करते हुए हिन्दी राइटर्स गिल्ड की ओर से हार्दिक धन्यवाद किया क्योंकि इस कार्यक्रम को आयोजित करने का संपूर्ण दायित्व उन्हीं के कंधों पर था। इसके बाद काव्य पाठ आरम्भ हुआ।
पहले कवि थे कैम्ब्रिज ओंटेरियो से श्री भगवत शरण श्रीवास्तव "शरण"। उन्होंने वसन्त का रंग जमाते हुए सस्वर "ऋतुराज" का गान किया। उनके बाद श्रीमती मानोशी चटर्जी ने अपने गीत "प्रिय क्या हो जो हम बिछड़ें तो" का पाठ किया। कविता सौंदर्य रस के कोमल भावों को समेटे हुए थी और बार तालियों से हाल गूँजता रहा। अगले कवि श्री प्राण किरतानी ने पहले कुछ शेर सुनाते हुए अपनी उर्दू नज़्म "आग़ोश" सुनाई और दूसरी रचना में उन्होंने मानव वृत्ति पर टिप्पणी की। श्रीमती इंदिरा वर्मा ने दूरियों को पाटते हुए दीवार पर टँगे "माँ का चित्र" को देखते हृदय में उठती टीस की कविता सुनाई। वरिष्ठ लेखिका श्रीमती राजकुमारी सिन्हा ने अपनी कविता "मदिर मलय पवन हूँ मैं" सुनाते हुए वासन्ती पवन के विभिन्न रूपों की याद ताज़ा कर दी। श्री विद्याभूषण धर जो भारत में कश्मीर के विस्थापित हैं, ने अपनी कविता "चुप रही विस्तता" में अपने अंदर विस्थापन के आक्रोश और हताशा की अभिव्यक्ति की। उनके बाद बारी आई आचार्य संदीप त्यागी "दीप" की। उन्होंने सस्वर दो कवितओं का पाठ किया। श्रोताओं ने उन्हें बहुत सराहा और दिल भर कर वाह-वाह की। अगली कवयित्री श्रीमती लता पांडे थीं। उनकी कविता सदा छोटी और गहरे भाव लिए होती है। आज उन्होंने "कुहासा" सुनाई। श्रीमती सविता अग्रवाल ने अपनी सुंदर कविता में "वसंत का आह्वान" के भाव रखे। श्रीमती कृष्णा वर्मा वसंत से ही संबंधित "झंकृत हुई चेतना" थी। श्री जसबीर कालरवि, जो अपनी गहरे भावों की कविताओं और ग़ज़लों के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने एक कविता और ग़ज़ल सुनाई। डॉ. नीरू असीम की दोनों कविताएँ नारी के मन की पीड़ा को व्यक्त करती थीं। इसके बाद श्री राजमहेश्वरी की बारी आई और उन्होंने सस्वर अपनी सौंदर्य रस की कविता में प्रणय की मनुहार की। हिन्दी चेतना के संपादक और प्रकाशक श्री श्याम त्रिपाठी जी ने भी अपनी कविता में वसन्त की बात की। डॉ. रत्नाकर नराले की रचनाएँ गेय और शास्त्रीय रागों में गुंथीं होती हैं। उन्होंने राधा-कृष्ण के प्रेम प्रसंग को राग ख़माज में बाँधा। स्टार बज़्ज़ समाचार पत्र की संपादिका श्रीमती मीना चोपड़ा ने अपनी प्रकाशित पुस्तक में से भावमयी कविता "रात" सुनाई।
मंदिर के संस्थापक श्री सत मलिक ने अपनी प्रकाशित पुस्तक "तड़प" में से एक उर्दू रचना सुनाई। डॉ. रेणुका शर्मा जो पिछले वर्ष ही दुबई से आई हैं और उनकी यहाँ पर पहली सर्दी है, उनकी रचना में स्वाभाविक शीत ऋतु के अनुभव थे। श्री पाराशर गौड़ की मार्मिक "तस्वीर" कविता में एक ऐसी बूढ़ी माँ का शब्दचित्र था जिसका बेटा विदेश जा कर वहीं का होकर रह गया है। श्री सरन घई ने अपने चिर-परिचित ढंग से हँसते हुए कुछ टिप्पणियों के बाद वसंत का चित्र अपने सुंदर शब्दों से खींच दिया।
मंदिर के भूतपूर्व अध्यक्ष बघड़िया जी ने अपने संबोधन में जीवन में कविता के महत्व को समझाते हुए फारसी के शेर सुनाए और समझाये। उन्होंने कविता को रचने के परिश्रम को रेखांकित करते हुए भी सुबोध शब्द कहे। श्रीमती सुखवर्ष तन्हा ने अपनी रचना में कहा कि मानव वही जाना जाता है जो अपने पैरों के निशान छोड़ता है। हिन्दी टाइम्स के प्रकाशक और अपना रेडियो बॉलीवुड बीट्स के प्रसारक श्री राकेश तिवारी ने सस्वर "आओ प्रेम की बातें करें" कोमल भावों की कविता सुनाई। सुमन कुमार घई की कविता में कैनेडा में वसन्त के आरम्भ की सर्दी की कुंठा व्यक्त की गई थी। विक्रांत जी ने नाटकीय अंदाज़ से शमा की कहानी सुनाई जो रात भर इठलाती है और सुबह की पहली किरण के साथ बुझा दी जाती है। डॉ. शैलजा सक्सेना की कविता "खुशफहमियाँ" में स्वः का विश्लेषण किया गया था। अंत में संचालिका और इस कवि सम्मेलन की संयोजिका श्रीमती भुवनेश्वरी पांडे ने अपनी कविता "प्रतीक्षा वसन्त की" का पाठ किया।
इस कार्यक्रम के मंच की साज सज्जा श्रीमती सविता अग्रवाल और श्रीमती रचना शर्मा ने की थी। श्रीमती रचना शर्मा जो चित्रकार हैं, ने रंगोली भी रची थी। मंदिर ने कार्यक्रम के अंत में प्रीति भोज का प्रबंध भी किया था। चौके में सेवा करने के लिए हिन्दी राइटर्स गिल्ड विशेषरूप में श्री और श्रीमती दिनेश चंद्र जी का धन्यवाद करता है।
इस अवसर पर मंदिर के सक्रिय मंडल के सदस्य श्री पुरषोतम धुप्पड़ जी, श्री विपिन कक्ड़ जी और श्रीमती अनुराधा शरमा उपस्थित थी। श्री कुमार अग्रवाल (ट्रस्टी) भी उपस्थित थे। हिन्दी राइटर्स गिल्ड सीनियर’ज़ कल्ब हिन्दु सभा, ब्रैम्पटन का भी आभारी है जिनके सदस्यों ने भारी संख्या में उपस्थित होकर कवियों और कवयित्रियों का उत्साहवर्धन किया।
अंत में हिन्दी राइटर्स गिल्ड एक बार फिर हिन्दु सभा मंदिर, ब्रैम्पटन का हार्दिक धन्यवाद करती है कि जिन्होंने इस सुंदर कार्यक्रम को आयोजित किया।