
हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने अपना सर्वप्रथम सरस्वती पुरस्कार श्रीमती अरुणा भटनागर को दिया
हिन्दी साहित्य की मानक संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने १३ फरवरी, २०११ को हिन्दु सभा ब्रैम्पटन के सहयोग से हुए महा कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध हिन्दी कर्मी श्रीमती अरुणा भटनागर को हिन्दी साहित्य के निस्वार्थ प्रचार प्रसार के लिए सरस्वती पुरस्कार से सम्मानित किया है।
हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने इसी वर्ष सरस्वती पुरस्कार की घोषणा की है। हिन्दी राइटर्स गिल्ड के प्रवक्ता, सुमन कुमार घई ने बताया, "यह पुरस्कार हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं में लेखन और हिन्दी कर्मियों को दिया जाएगा। अपनी तरह का यह कैनेडा का पहला पुरस्कार है। अपना सर्वप्रथम पुरस्कार श्रीमती अरुणा भटनागर जी को प्रदान करते हुए हमें बहुत हर्ष हो रहा है क्योंकि अरुणा जी बरसों से विभिन्न देशों में हिन्दी भाषा की शिक्षा, प्रचार एवं प्रसार से जुड़ी रही हैं।"
श्रीमती अरुणा भटनागर कैनेडा में आने से पहले इंग्लैंड में भी हिन्दी की सेवा करती रहीं। वह हिन्दी साहित्य सभा की संस्थापक सदस्य हैं। हिन्दी साहित्य सभा की पहली अध्यक्षा श्रीमती अरुणा भटनागर किसी न किसी रूप में अभी तक संस्था की कार्यकारिण की सदस्या रही हैं। पैनोरामा इंडिया के मंडल की रह चुकी सदस्या श्रीमती अरुणा भटनागर एविक के कार्यक्रमों में भी व्यस्त रही हैं। स्वयं सेविका अरुणा भटनागर न केवल स्वयं हिन्दी के लिए अर्पित हैं, बल्कि वह अन्यों को भी इस क्षेत्र में योगदान देने के लिए सदैव प्रोत्साहित करती रहती हैं। जीटीए की कई संस्थाएँ उनकी सेवाओं पर निर्भर करती हैं।
हिन्दी राइटर्स गिल्ड द्वारा इस वर्ष सरस्वती पुरस्कार – २०११ के चयन में श्रीमती अरुणा भटनागर जी के अथक परिश्रम को मान्यता दी गई है।
बुरा स्वास्थ्य होने के कारण वह कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाईं परन्तु उनकी ओर से उनकी भाभी श्रीमती इंदिरा वर्मा ने सम्मान स्वीकार किया।
हिन्दी राइटर्स गिल्ड का उद्देश्य कैनेडा में हिन्दी साहित्य के प्रति लोगों में रुचि जगाना, लेखकों को कैनेडा की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए लेखन के लिए प्रोत्साहित करना, कैनेडा में हिन्दी पुस्तकों के प्रकाशन को स्थापित करना इत्यादि हैं। लगभग दो वर्ष पहले बनी इस संस्था ने अभी तक कई महत्वपूर्ण लक्ष्यों को पूरा किया है, जिसमें से एक ब्रैम्पटन लाइब्रेरी के साथ साझेदारी भी है और चिंग्कूज़ी ब्रांच में हर महीने के दूसरे रविवार को दोपहर के २ बजे से शाम के ५ बजे तक गोष्ठी भी होती है जिसमें सभी का स्वागत है।
हिन्दी साहित्य की मानक संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने १३ फरवरी, २०११ को हिन्दु सभा ब्रैम्पटन के सहयोग से हुए महा कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध हिन्दी कर्मी श्रीमती अरुणा भटनागर को हिन्दी साहित्य के निस्वार्थ प्रचार प्रसार के लिए सरस्वती पुरस्कार से सम्मानित किया है।
हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने इसी वर्ष सरस्वती पुरस्कार की घोषणा की है। हिन्दी राइटर्स गिल्ड के प्रवक्ता, सुमन कुमार घई ने बताया, "यह पुरस्कार हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं में लेखन और हिन्दी कर्मियों को दिया जाएगा। अपनी तरह का यह कैनेडा का पहला पुरस्कार है। अपना सर्वप्रथम पुरस्कार श्रीमती अरुणा भटनागर जी को प्रदान करते हुए हमें बहुत हर्ष हो रहा है क्योंकि अरुणा जी बरसों से विभिन्न देशों में हिन्दी भाषा की शिक्षा, प्रचार एवं प्रसार से जुड़ी रही हैं।"
श्रीमती अरुणा भटनागर कैनेडा में आने से पहले इंग्लैंड में भी हिन्दी की सेवा करती रहीं। वह हिन्दी साहित्य सभा की संस्थापक सदस्य हैं। हिन्दी साहित्य सभा की पहली अध्यक्षा श्रीमती अरुणा भटनागर किसी न किसी रूप में अभी तक संस्था की कार्यकारिण की सदस्या रही हैं। पैनोरामा इंडिया के मंडल की रह चुकी सदस्या श्रीमती अरुणा भटनागर एविक के कार्यक्रमों में भी व्यस्त रही हैं। स्वयं सेविका अरुणा भटनागर न केवल स्वयं हिन्दी के लिए अर्पित हैं, बल्कि वह अन्यों को भी इस क्षेत्र में योगदान देने के लिए सदैव प्रोत्साहित करती रहती हैं। जीटीए की कई संस्थाएँ उनकी सेवाओं पर निर्भर करती हैं।
हिन्दी राइटर्स गिल्ड द्वारा इस वर्ष सरस्वती पुरस्कार – २०११ के चयन में श्रीमती अरुणा भटनागर जी के अथक परिश्रम को मान्यता दी गई है।

हिन्दी राइटर्स गिल्ड का उद्देश्य कैनेडा में हिन्दी साहित्य के प्रति लोगों में रुचि जगाना, लेखकों को कैनेडा की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए लेखन के लिए प्रोत्साहित करना, कैनेडा में हिन्दी पुस्तकों के प्रकाशन को स्थापित करना इत्यादि हैं। लगभग दो वर्ष पहले बनी इस संस्था ने अभी तक कई महत्वपूर्ण लक्ष्यों को पूरा किया है, जिसमें से एक ब्रैम्पटन लाइब्रेरी के साथ साझेदारी भी है और चिंग्कूज़ी ब्रांच में हर महीने के दूसरे रविवार को दोपहर के २ बजे से शाम के ५ बजे तक गोष्ठी भी होती है जिसमें सभी का स्वागत है।